विधेहि देवि कल्याणं, विधेहि परमां श्रियम्
About this Mantra
इस मंत्र के माध्यम से माँ भवानी से कल्याण, संपत्ति आदि की याचना की गई है ।
मन्त्र
विधेहि देवि कल्याणं, विधेहि परमां श्रियम् ।
रूपं देहि जयं देहि, यघो देहि द्विषो जहि ।।
अर्थ
हे देवि ! मेरा कल्याण करो, मुझे विपुल संपत्ति दो ।
मुझे रूप दो, यश दो, जय दो तथा हमारे शत्रुओं का विनाश करो ।
संदेश :-
माता रानी सदा सबका कल्याण करने वाली हैं और सबको सुख संपत्ति देने वाली हैं ।
उनकी आराधना निश्चित ही सभी दुखों का नाश करके सुख देने वाली है ।
अतः हमें अपना जीवन जीने में सहायक सुख संपति की इच्छा माँ के चरणों में समर्पित करके उनका वंदन करते हुए अपनी बात कहनी चाहिए ।
- दुर्गा सप्तशती
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